मंगलवार, 22 सितंबर 2009

स्त्र उद्योग में महिलाओं की आय एक साल में आधी हुई : श् िबैंक


श् िबैंक ने कहा है कि ैश्कि आर्थिक संकट से सबसे बुरी तरह प्रभाति होनेोले उद्योगों में भारत का स्त्र उद्योग भी शामिल है और इसमें लगी महिलाओं की आय एक साल में करीब आधी हो गई है।
बैंक ने एक रपट में कहा कि हाल के शकों में निर्यातोन्मुखी उद्योगों में महिलाओं की संख्या बढ़ी है और मौजूा संकट में निर्यात क्षेत्र छंटनी का सबसे बड़ा शिकार हुआ। श् िबैंक ने कहा, ‘‘भारत में स्त्र क्षेत्र में स्रोजगार कर रही महिलाओं की मासिक आय 50 फीस तक घटी है और नंबर, 2008 से काम के नि 69 फीस तक घटे हैं।ज्ज्

कालीन निर्यात अगस्त में 28 फीस गिरा

अमेरिका और यूरोप में मांग की कमी के म्ेनजर भारत का कालीन निर्यात में लगातार 11 महीने से गिराट का रूख है और इस साल अगस्त में 28 फीस गिरकर 4. 15 करोड़ डालर का रह गया। कालीन निर्यात संर्धन परिष के अध्यक्ष अशोक जैन ने कहा ‘‘ अमेरिका और यूरोप में मांग में कमी के कारण हमें पिछले साल के मुकाबले बहुत कम आर्डर मिल रहे हैं। ज्ज्
अमेरिका और यूरोपीय ेशों में कालीन का निर्यात सबसे अधिक होता है। उन्होंने कहा ‘‘ कालीन लिास की स्तु है जरूरत नहीं। फि लहाल लोगों में आर्थिक असुरक्षा है और मुङो लगता है कि े कालीन तभी खरीेंगे जबकि उनकी मौलिक जरूरत पूरी हो जाएगी। ज्ज्
अप्रैल से अगस्त के ौरान 17. 73 करोड़ डालर का निर्यात हुआ जबकि पिछले साल की समान अधि में 24 करोड़ डालर की कालीन का निर्यात हुआ था।

पशुपालकों के लिए पीएनबी की शेिष योजना

पंजाब नेशनल बैंक :पीएनबी: ने पशुपालकों के लिए एक शेिष योजना शुरू की है जिसमें पशु खरीने और डेयरी संचालित करने के लिए रिण यिा जाएगा।
पीएनबी के कार्यपाल निेशक मोहन टांकसाले ने यहां पत्रकारों से कहा कि इस योजना के तहत योग्य ओकों को 16 लाख रुपये तक का कर्ज यिा जायेगा। बैंक ने कृषि क्षेत्र को रिण प्राह बढाने के प्रयास के अंतर्गत जून तिमाही में 86,514 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये हैं। टांकसाले ने बताया कि पीएनबी द्वारा अब तक 53. 57 लाख नो-फि ्रल खाते खोले जा चुके हैं।
बैंक ने एक महत्कांक्षी योजना ‘नमस्कारज् भी प्रारम्भ की है। जिन 2013 के तहत पीएनबी एक लाख नए टच पइंट बनाएगा जिसके लिए र्जि बैंक को 15 हजार कियोस्क खोलने के प्रस्ता भेजे गए हैं।


काम पर लौटे २० हजार कामगार

मंदी की मार से मात्न छह माह में लगभग एक हजार करोड़ रूपये का नुकसान उठाने वाले देश के प्रमुख विशेष औद्योगिक क्षेत्न आदित्यपुर में लगातार बढ़ती मांग से अब एक बार फिर रौनक लौटने लगी है जिससे यहां के करीब ३५००० छंटनीग्रस्त कामगारों में से २०००० काम पर वापस लौट चुके हैं१
टाटा समूह का गढ़ कहे जाने वाले देश के एक अन्य प्रमुख औद्योगिक नगर जमशेदपुर से सटे झारखंड के सरायकेला-खरसांवा जिले में स्थित आदित्यपुर में लगभग ८५० छोटे ् मझोले और कुछ बड़े उद्योग है जिनमें मंदी से पहले तक करीब ७०००० हजार स्थायी और अस्थायी कामगार कार्यरत थे १
इन उद्योगों के संगठन आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एसिया) के अध्यक्ष एस. एन. ठाकुर तथा महासचिव संतोष खेतान ने आज .यूनीवार्ता. को बताया कि सितंबर २००८ से लेकर इस वर्ष मार्च तक मंदी का काफी असर रहा जिससे ३५ हजार कामगारों की छंटनी करनी पड़ी थी१ इनमें से अधिकतर दैनिक वेतनभोगी अथवा मासिक पगार पाने वाले अस्थायी कामगार थे१
खेतान ने बताया कि अप्रैल से मांग की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और अब तक छंटनीग्रस्त २०००० कामगार वापस लौट चुके हैं१ मांग बढ़ने की रफ्तार ऐसी ही रही तो अगले दो माह में शेष कामगारों को भी वापस बुला लिया जाएगा१ मंदी के चरम के दौरान काम के शिफ्ट की संख्या तीन से घटा कर एक कर दी गयी थी जो अब दो हो गयी है तथा जल्द ही वापस तीन पर पहुंच जाने की संभावना है१
ठाकुर ने बताया कि अधिकतर उद्योग ऑटो क्षेत्न की सहायक इकाइयां हैं जिनमें से ज्यादातर देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स पर निर्भर हैं१ पिछले साल रिकार्ड पांच अस्थायी बंदी ङोलने वाले टाटा मोटर्स से .आर्डर . की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और यह आदित्यपुर में लौट रही रौनक का एक बड़ा कारण है१

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